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कहां से आया Paytm का आइडिया, एक रूम से कंपनी की शुरुआत… नोटबंदी था बड़ा मौका!

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए आदेश के बाद Paytm पर एक नया संकट आ चुका है. दिग्‍गज ऑनलाइन पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की बैंकिंग सर्विस को बैन करने का निर्देश है. 29 फरवरी के बाद से किसी भी कस्‍टमर अकाउंट, वॉलेट, FASTag में डिपॉजिट और टॉप-अप करने का अधिकार नहीं होगा. 15 मार्च तक नोडल अकाउंट को भी सेटल करने का आदेश है. RBI के इस आदेश के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब पेटीएम के शेयर (Paytm Share) भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं.

पहले दिन ही शेयर मार्केट में कदम रखते हुए पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्‍युनिकेशन के स्‍टॉक (One97 Communication Stocks) में भारी गिरावट हुई थी. बात 18 नवंबर 2021 की है, जब Paytm की पेरेंट कंपनी IPO के जरिए स्‍टॉक मार्केट में एंट्री लेती है, जिसका इश्‍यू प्राइस 2150 रुपये था. LIC से पहले देश का सबसे बड़ा IPO लेकर आने वाली फर्म ने बाजार से 18300 करोड़ रुपये जुटाने का प्‍लान तैयार किया था. लेकिन लिस्टिंग के दिन ही इसके शेयर 27 फीसदी निगेटिव में चले जाते हैं और अगले दिन इसके शेयर 40 फीसदी तक टूट जाते हैं.

यह सिलसिला यूं ही चलता रहा है और 22 नवंबर 2022 तक इसके शेयर 465 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए. पिछले कुछ समय से यह उबरने की कोशिश में था, लेकिन अब RBI के एक्‍शन के बाद इसके शेयर एक बार फिर सबसे निचले स्‍तर के करीब हैं. जिस तरह अभी यह संकट से गुजर रहा है, कुछ इसी तरह कंपनी खड़ी करने से पहले विजय शेयर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) का जीवन भी मुश्किलों भरा रहा.

इंग्लिश नहीं आने की वजह से बना मजाक
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने से पहले विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) की पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम में हुई थी.  इंजीनियरिंग के दौरान उन्‍हें उतनी अच्‍छी अंग्रेजी नहीं आती थी, जिस कारण उनके साथ पढ़ने वाले कुछ छात्र उनका मजाक भी उड़ाते थे. हालांकि उन्‍हें कुछ ऐसे भी दोस्‍त मिले, जिन्‍होंने अंग्रेजी सीखने में मदद की. इंग्लिश भाषा को सीखने के लिए विजय छुट्टियों के दिन फॉर्च्‍युन और फोर्ब्‍स जैसी मैग्‍जीन, न्‍यूजपेपर और अन्‍य किताबें पढ़ा करते थे, जहां उन्‍हें कई अरबपतियों और उनकी कंपनी को खड़ी करने के जर्नी के बारे में पता चला. फिर क्‍या उन्‍होंने भी खुद का कुछ करने की इच्‍छा बना ली.

गुजारा करने के लिए करते थे ये काम
Paytm के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा के पास अभी भले ही करोड़ों रुपये हों, लेकिन देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्‍य उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर अलीगढ़ से आने वाले विजय शेखर शर्मा अपनी आजीविका चलाने के लिए घरों में इंटरनेट कनेक्‍शन लगाते थे. शर्मा ने खुद कहा था कि उस समय उनके पास कहीं जाने-आने के लिए भी पैसे नहीं थे. जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्‍होंने कई कंपनियों में नौकरियां भी की, लेकिन खुद का कुछ करने की इच्‍छा बनी रही.

कैसे हुई Paytm की शुरुआत?
दिल्‍ली में इंजीनियरिंग के दौरान ही अपने कुछ दोस्‍तों के साथ विजय शेखर शर्मा ने साल 1997 में indiasite.net नाम की एक वेबसाइट बनाई थी. हालांकि उन्‍होंने इसे बेच दिया और कुछ सालों तक अलग-अलग कंपनियों में काम किया. साल 2000 में उन्‍होंने one97 communication ltd कंपनी बना डाली. त‍ब ये कंपनी जोक्स, रिंगटोन, परीक्षा के रिजल्ट और क्रिकेट मैच का स्कोर दिखाती थी. ये उतनी सक्‍सेस नहीं थी, जितना विजय चाहते थे. वह सबसे कुछ अलग करना चाहते थे. साल 2010 में उन्‍होंने फुटकर पैसे की समस्‍या को दूर करने के लिए दिल्‍ली के एक किराये के कमरे से पेटीएम की शुरुआत कर डाली. यह कंपनी मोबाइल रिचार्ज की पेशकश करती थी. इसके बाद विजय शेखर शर्मा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

नोटबंदी बना पेटीएम के लिए बड़ा मौका!
पेटीएम और इसके साथ ही फाउंडर विजय शेखर शर्मा की किस्तम उस समय बुलंदियों पर पहुंच गई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में नोटबंटी का ऐलान किया था. ये वो समय भी था, जबकि सरकार की ओर से डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया जा रहा था. नोटबंदी और डिजिटलीकरण की मुहिम ने ऐसा कमाल किया कि Paytm यूजर्स की संख्या हर दिन के साथ बढ़ती चली गई. केंद्र ने इसी समय UPI यानी Unified Payment Interface लॉन्च किया था. नकदी की कमी हुई तो लोगों ने पेटीएम के जरिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का विकल्प बेहतर समझा. यूजर्स बढ़ने के साथ ही पेटीएम ऑनलाइन भुगतान करने का सबसे बड़ा माध्यम बनकर उभरा.

कारोबार बढ़ने के साथ जुड़ते गए दिग्गज निवेशक
जैसे-जैसे Paytm का कारोबार बढ़ने लगा, उसकी मार्केट वैल्यू और इन्वेस्टर्स की तादाद में भी इजाफा होता गया. साल 2018 में पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में वारेन बफेट की बर्कशायर हैथवे ने निवेश किया. उस साल कंपनी को 30 करोड़ डॉलर का बड़ा निवेश मिला था. इसके अलावा अलीबाबा ग्रुप से लेकर जापान के सॉफ्ट बैंक तक ने निवेश किया था. इसके बाद साल 2021 में कंपनी ने देश का सबसे बड़ा आईपीओ पेश किया था, जो कि 18,300 करोड़ रुपये का था. हालांकि, कुछ समय बाद LIC ने 21000 करोड़ रुपये का IPO पेश कर ये तमगा अपने नाम कर लिया था.

Paytm का कारोबार किस कदर आगे बढ़ रहा था. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब पेटीएम ने अपना आईपीओ पेश किया था, तब कंपनी का मार्केट कैपिटल (Paytm MCap) 1,39,000 करोड़ रुपये था.

Paytm का अभी इतना मार्केट कैप
RBI के एक्शन के बाद पेटीएम के शेयर लगातार तीन दिन तक लोअर सर्किट लगा. बीते गुरुवार और शुक्रवार को 20 फीसदी शेयर गिरे, उसके बाद इस हफ्ते सोमवार को 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगा. फिलहाल मंगलवार को गिरावट के साथ खुलने के बाद शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहा है. मंगलवार को शेयर 4 फीसदी की तेजी के साथ 455 रुपये पर कारोबार कर रहा था. लगातार गिरावट से कंपनी का मार्केट कैप भी घटकर 29000 करोड़ रुपये हो गया है.

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